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Hanuman Gatha Part 1 Lyric in Hindi - हनुमान गाथा Part 1 हिंदी लिरिक्स





Hanuman Gatha Part 1





Song:
Shree Mehndipur Bala Ji Ki Paawan Gatha

Artist:
Kumar Vishu

Album:
Shree Mehndipur Bala Ji Ki Paawan Gatha

Licensed to YouTube by:
Tseries Music (on behalf of T-Series); TSeries Publishing, and 3 Music Rights Societies







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Hanuman Gatha Part 1 Lyric in Hindi - हनुमान गाथा Part 1 हिंदी लिरिक्स




हम आज पवनसुत हनुमान की कथा सुनाते हैं
पावन कथा सुनाते हैं

वीरों के वीर उस महावीर की गाथा गाते हैं
हम कथा सुनाते हैं

जो रोम-रोम में सिया राम की छवि बासाते हैं
पावन कथा सुनाते हैं

वीरों के वीर उस महावीर की गाथा गाते हैं
हम कथा सुनाते हैं


हे ज्ञानी गुण के निधान जय महाबीर हनुमान

हे ज्ञानी गुण के निधान जय महाबीर हनुमान


पुंजिकस्थला नाम था जिसका
स्वर्ग की थी सुंदरी

वानर राज को जर के जन्मी नाम हुआ अंजनी

कपि राज केसरी ने उससे
ब्याह रचाया था

गिरी नामक संगपर क्या आनंद
मंगल छाया था

राजा केसरी को अंजना का
रूप लुभाया था

देख देख अंजनी को उनका
मान हार्षया था

वैसे तो उनके जीवन में थी
सब खुशहाली

परन्तु गोद अंजनी माता की
संतान से थी खाली

अब सुनो हनुमंत कैसे पवन के पुत्र कहते हैं
पावन कथा सुनाते हैं


बजरंगबली उस महाबली की
गाथा गाते है हम कथा सुनाते हैं

हे ज्ञानी गुण के निधान जय महाबीर हनुमान

हे ज्ञानी गुण के निधान जय महाबीर हनुमान


पुत्र प्राप्ति कारण मां आंजना
तब की थी भारी

मदन मुनि प्रसन्न हुए
अंजना पर अति भारी

बक्तेश्वर भगवान को
जप और तप से प्रशन्न किया

अंजना ने आकाश गंगा का
पावन जल पिया

घोर तपस्या करके
वायु देव को प्रसन्न किया

अंजनी मां को स्पर्श किया
वायु का एक झोंका

पवन देव हो प्रकट उन्हें
फिर पुत्र प्रदान किया

इस कारण बजरंग
पवन के पुत्र कहते हैं

बजरंगबली उस महाबली की
गाथा गाते है हम कथा सुनाते हैं


बजरंगबली उस महाबली की
गाथा गाते है हम कथा सुनाते हैं

हे ज्ञानी गुण के निधान जय महाबीर हनुमान

हे ज्ञानी गुण के निधान जय महाबीर हनुमान


राजा केसरी और अंजना
करते शिव पूजा

शिव भक्ति के बिना नहीं था
काम उन्हें दूजा

हो प्रसन्न शिव प्रकट हुए
तब अंजना वर मांगी

हे शिव शंकर पुत्र मेरा हो
आपके जैसा ही

शिव जी बोले अंजना होगी
पूर्ण तेरी इच्छा

मेरे अंश का 11 रुद्र ही
पुत्र तेरा होगा

जन्म लिये बजरंगी
घट गए संकट के बादल

चैत्र शुक्ल की 15 की
और दिन था शुभ मंगल

बजरंगी तब से शंकर के
अवतार कहते हैं पावन कथा सुनाते हैं

बजरंगबली उस महाबली की
गाथा गाते है हम कथा सुनाते हैं


बजरंगबली उस महाबली की
गाथा गाते है हम कथा सुनाते हैं

हे ज्ञानी गुण के निधान जय महाबीर हनुमान

हे ज्ञानी गुण के निधान जय महाबीर हनुमान


केसरी नंदन का है भक्तों प्यारा था बचपन

झूल रहे थे चंदन के पालने में सुख रंजन

कामकाज में लगी हुई थी तब अंजना रानी

सूरज को फल समझ उन्होंने खाने की ठानी

उड़ने की शक्ति पवन देव ने उनको दे ही दी थी

उड़ने लगे सूरज का फल खाने वाले बजरंगी

वायु देव को चिंता हुई मेरा बच्चा जल ना जाए

सूर्य देव की किरणों से मेरा फूल झुलस ना जाए

वर्फ के जैसी वायु देव यूँ हवा चलाते हैं


बजरंगबली उस महाबली की
गाथा गाते है हम कथा सुनाते हैं

हे ज्ञानी गुण के निधान जय महाबीर हनुमान

हे ज्ञानी गुण के निधान जय महाबीर हनुमान


सूर्य देव ने उनको आते देखा अपनी ओर

समझ गए वह पवन पुत्र है नहीं बालक कोई और

शीतल कर ली सूर्य देव ने अपनी गरम किरणें

पवन पुत्र गुरु रथ पर चढ़कर सूर्य लगे डसने

अमावस्या को जब राहु सर्प डस ने को आया

बजरंगी का खेल देखकर बड़ा ही घबराया

इंद्रदेव को आकर सारा हाल था बतलाया

बोला एक बालक से मैं तो प्राण थोड़ा लाया

इंद्रदेव को साथ में लेकर राहु आते हैं

हम कथा सुनाते हैं


बजरंगबली उस महाबली की
गाथा गाते है हम कथा सुनाते हैं

हे ज्ञानी गुण के निधान जय महाबीर हनुमान

हे ज्ञानी गुण के निधान जय महाबीर हनुमान



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