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All Famous Amavasya Lyrics in Hindi - सभी प्रसिद्ध अमावस्या हिंदी लिरिक्स



INDIAN FESTIVAL- भारतीय त्यौहार






All Famous Amavasya






संबंधित अन्य नाम
अमावस, तमिल: அமாவாசை, मलयालम: അമാവാസി, तेलुगु: అమావాస్య, गुजराती: અમાવાસ્યા









संबंधित जानकारियाँ


आगे के त्यौहार(2021):

Bhadrapada: 7 September 2021Ashwina: 6 October 2021Kartika: 4 November 2021Margashirsha: 4 December 2021


आवृत्ति:
मासिक


समय:
1 दिन


सुरुआत तिथि:
कृष्णा अमावस्या


समाप्ति तिथि:
कृष्णा अमावस्या


महीना:
हर महीने की अमावस्या


उत्सव विधि:
दान, पित्र दान, पूजा, भजन-कीर्तन, गंगा स्नान।


महत्वपूर्ण जगह:
मंदिर, नदी घाट, गंगा, यमुना, संगम।


पिछले त्यौहार:


Shravana: 8 August 2021, Ashadha: 10 July 2021, Ashadha: 9 July 2021, Jyeshtha: 10 June 2021, Vaishakha: 11 May 2021, Chaitra: 12 April 2021, Phalguna: 13 March 2021, Magha: 11 February 2021, Pausha: 13 January 2021, Darsha Amavasya: 12 January 2021









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अमावस्या - Amavasya Story in Hindi


अमावस्या एक वर्ष मे 12 बार आने वाला मासिक उत्सव है, अधिक मास की स्थिति मे यह एक वर्ष मे 13 बार भी हो सकती है।

हिन्दू पंचांग के अनुसार अमावस्या माह की और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि है, इस दिन का भारतीय जनजीवन में अत्यधिक महत्व हैं। हर माह की अमावस्या को कोई न कोई पर्व अवश्य मनाया जाता हैं। इन्हीं मासिक तिथियों मे, कुछ लोकप्रिय एवं महत्वपूर्ण अमावस्या तिथि मौनी अमावस्या, शनि जयंती तथा वट सावित्री व्रत, भौमवती अमावस्या, कार्तिक अमावस्या अर्थात दीवाली, हरियाली अमावस्या, महालया अमावस्या अथवा सर्वपितृ अमावस्या हैं। भारत का सबसे लोकप्रिय एवं जगमगाहट वाला त्यौहार दीवाली भी कार्तिक माह की अमावस्या के दिन ही पड़ता है।


अमावस्या को हिंदू ग्रंथो में पित्रों अर्थात पूर्वजों को समर्पित महत्वपूर्ण दिवस के रूप मे माना जाता है। इस दिन पितरों के लिए दान तथा पवित्र नदियों मे स्नान को श्रेष्ठ माना गया है।


हिन्दु पञ्चांग एवं खगोलीय स्थिति के अनुसार, चंद्रमा 28 दिनों में पृथ्वी का एक चक्कर पूर्ण करता है। 15 दिनों के उपरांत चंद्रमा पृथ्वी की एक छोर से दूसरी की छोर पर होता है। जब चंद्रमा भारतवर्ष से दूसरी छोर पर होता है, तब उसे नहीं देखा जा सकता। जब चंद्रमा पुर्ण रूप से भारतवर्ष मे दिखाई नहीं देता, उस दिन को ही अमावस्या का दिन कहा जाता है। और यह घटना(अमावस्या) प्रत्येक स्थान अथवा देश के लिए चंद्रमा की स्थिति के अनुसार अलग-अलग समय पर हो सकती है।




OTHAER IMPORTANT AMAVASYA FESTIVAL




दर्श अमावस्या:



दर्श अमावस्या के दिन चंद्रमा पूर्ण रूप से रात को दिखाई नही देता है। अतः तिथिवार अमावस्या तथा दर्श अमावस्या अलग-अलग दिन होसकती है। अमावस्या के दिन, ग्रहों की अतिरिक्त ऊर्जा विकिरण द्वारा मनुष्यों तक पहुँचती है। मानव पर अमावस्या का सबसे आम प्रभाव मानसिक बीमारी, क्रोध अथवा चिड़चिड़ापन आना है।


सोमवती अमावस्या :



ससोमवार के दिन आने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। गणित के प्रायिकता सिद्धांत के अनुसार अमावस्या वर्ष में एक अथवा दो बार ही सोमवार के दिन हो सकती है। परन्तु समय चक्र के अनुसार अमावस्या का सोमवती होना बिल्कुल अनिश्चित है। हरिद्वार कुंभ के दौरान सोमवती अमावस्या का दिन बहुत ही पवित्र माना गया है, इस दिन नागा साधुओं द्वारा शाही स्नान भी किया जाता है।


हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, सोमवती अमावस्या का एक विशेष महत्त्व है। सोमवती अमावस्या की पूजा से जुड़ी कुछ भिन्न-भिन्न मान्यताएँ हैं।

प्रथम मान्यता के अनुसार: सोमवती अमावस्या के दिन महिलाएँ तुलसी माता की 108 परिक्रमा लगाते हुए कोई भी वस्तु / फल दान करने का संकल्प लेतीं हैं।


दूसरी मान्यता के अनुसार: सोमवती अमावस्या के दिन महिलाएँ पीपल के व्रक्ष की भँवरी (108 परिक्रमा) करतीं हैं, तथा अखंड सौभाग्य की कमाननाएँ करती हैं। साथ ही साथ, श्री गौरी-गणेश एवं सोमवती व्रत कथा पाठ के साथ वस्तु अथवा फल दान करने का संकल्प लेतीं हैं। पीपल के पेड़ में सभी देवों का वास माना गया है अतः इस मत के अनुसार पीपल की पूजा की जाती है।



संबंधित जानकारियाँ




आगे के त्यौहार(2022):
31 January 202230 May 2022

आवृत्ति:
अनियमित

समय:
1 दिन

सुरुआत तिथि:
सोमवार के दिन की अमावस्या

समाप्ति तिथि:
सोमवार के दिन की अमावस्या

महीना:
अनियमित

कारण:
स्वयं को अध्यात्मिक शुद्धता प्रदान करने के लिए।

उत्सव विधि:
व्रत, गंगा स्नान, नदी स्नान, दान, भजन, कीर्तन।

महत्वपूर्ण जगह:
प्रयागराज, गंगा घाट, प्रवित्र नदियाँ।

पिछले त्यौहार:
Bhadrapada: 6 September 2021, Chaitra: 12 April 2021, 14 December 2020, 20 July 2020




शुभवारी अमावस्या:



सोमवती अमावस्या तथा शनि अमावस्या की तरह ही, गुरुवार के दिन होने वाली अमावस्या को शुभवारी अमावस्या कहते हैं।

शनि अमावस्या:



जैसे सप्ताह के पहले दिन सोमवार को आने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं, इसी प्रकार शनिवार के दिन आने वाली अमावस्या को शनि अमावस्या कहते हैं।




सभी प्रसिद्ध अमावस्या:


1. चैत्र अमावस्या

2. वैशाख अमावस्या

3. ज्येष्ठ अमावस्या - शनि जयंती / वट सावित्री व्रत

4. आषाढ़ अमावस्या

5. श्रावण अमावस्या - हरियाली अमावस्या

6.भाद्रपद अमावस्या - पिठोरी व्रत, पिठोरी अमावस्या व्रत

7. आश्विन अमावस्या - महालया अमावस्या अथवा सर्वपितृ अमावस्या

8. कार्तिक अमावस्या - दीवाली

9. मार्गशीर्ष अमावस्या

10. पौष अमावस्या

11. माघ अमावस्या - मौनी अमावस्या

12. फाल्गुन अमावस्या




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