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Dulhan Chali, Haan Pehen Chali Song Lyrics in Hindi - दुल्हन चली, हाँ पहन चली हिंदी लिरिक्स




Dulhan Chali, Haan Pehen Chali






★★★★★★★★★★★★★★★★★★

Movie/Album: पूरब और पश्चिम (1970)

Music By: कल्याणजी-आनंदजी

Lyrics By: इन्दीवर

Performed By: महेंद्र कपूर

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Dulhan Chali, Haan Pehen Chali Song Lyrics in Hindi - दुल्हन चली, हाँ पहन चली हिंदी लिरिक्स


पूरब में सूरज ने छेड़ी, जब किरणों की शहनाई

चमक उठा सिन्दूर गगन पे, पच्छिम तक लाली छाई



दुल्हन चली, हाँ पहन चली

हो रे दुल्हन चली, हो पहन चली

तीन रंग की चोली

बाहों में लहराए गंगा जमुना

देख के दुनिया डोली

दुल्हन चली...



ताजमहल जैसी ताजा है सूरत

चलती फिरती अजंता की मूरत

मेल मिलाप की मेहंदी रचाए

बलिदानों की रंगोली

दुल्हन चली...



मुख चमके ज्यूँ हिमालय की चोटी

हो ना पड़ोसी की नियत खोटी

ओ घर वालों ज़रा इसको संभालो

ये तो है बड़ी भोली

दुल्हन चली...



चाँदी रंग अंग है, तो धनि तरंग लहंगा

सोने रंग चूने का मोल बड़ा महंगा

मन सीता जैसा, वचन गीता जैसे

डोले प्रीत की बोली

दुल्हन चली...



और सजेगी अभी और संवरेगी

चढ़ती उमरिया है और निखरेगी

अपनी आजादी की दुल्हनिया

दीप के ऊपर होली

दुल्हन चली...



देश प्रेम ही आजादी की दुल्हनिया का वर है

इस अलबेली दुल्हन का सिंदूर सुहाग अमर है

माता है कस्तूरबा जैसी, बाबुल गाँधी जैसे

चाचा इसके नेहरु, शास्त्री, डरे ना दुश्मन कैसे

वीर शिवाजी जैसे वीरे, लक्ष्मी बाई बहना

लक्ष्मण जिसके बोध, भगत सिंह, उसका फिर क्या कहना

जिसके लिए जवान बहा सकते हैं खून की गंगा

आगे पीछे तीनो सेना ले के चले तिरंगा

सेना चलती है ले के तिरंगा

हो कोई हम प्रान्त के वासी हो कोई भी भाषा भाषी

सबसे पहले हैं भारतवासी



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