Ticker

10/recent/ticker-posts

Chote Prayason Se Bahut Kuchh Mil Jayega Lyrics in Hindi - छोटे प्रयासों से, बहुत कुछ मिल जायेगा, प्रेरक कहानी हिंदी लिरिक्स





Chote Prayason Se Bahut Kuchh Mil Jayega








यह भी देखें - You May Also Like







Chote Prayason Se Bahut Kuchh Mil Jayega Lyrics in Hindi - छोटे प्रयासों से, बहुत कुछ मिल जायेगा, प्रेरक कहानी हिंदी लिरिक्स



एक आदमी समुद्रतट पर चल रहा था। उसने देखा कि कुछ दूरी पर एक युवक ने रेत पर झुककर कुछ उठाया और आहिस्ता से उसे पानी में फेंक दिया।

उसके नज़दीक पहुँचने पर आदमी ने उससे पूछा: और भाई, क्या कर रहे हो?


युवक ने जवाब दिया: मैं इन मछलियों को समुद्र में फेंक रहा हूँ।


लेकिन इन्हें पानी में फेंकने की क्या ज़रूरत है? आदमी बोला।



युवक ने कहा: ज्वार का पानी उतर रहा है और सूरज की गर्मी बढ़ रही है।अगर मैं इन्हें वापस पानी में नहीं फेंकूंगा तो ये मर जाएँगी।


आदमी ने देखा कि समुद्रतट पर दूर-दूर तक मछलियाँ बिखरी पड़ी थीं।

वह बोला: इस मीलों लंबे समुद्रतट पर न जाने कितनी मछलियाँ पड़ी हुई हैं। इसतरह कुछेक को पानी में वापस डाल देने से तुम्हें क्या मिल जाएगा?
इससे क्या फर्क पड़ जायेगा?


युवक ने शान्ति से आदमी की बात सुनी, फ़िर उसने रेत पर झुककर एक और मछली उठाई और उसे आहिस्ता से पानी में फेंककर वह बोला:
आपको इससे कुछ मिले न मिले, मुझे इससे कुछ मिले न मिले, दुनिया को इससे कुछ मिले न मिले। लेकिन इस मछली को सब कुछ मिल जाएगा।



यह केवल सोच का ही फर्क है। सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति को लगता है कि उसके छोटे छोटे प्रयासों से किसी को बहुत कुछ मिल जायेगा लेकिन नकारात्मक सोच के व्यक्ति को यही लगेगा कि, यह समय की बर्बादी है?


यह हम पर है कि हम कौनसी कहावत पसंद करते है...

अकेला चना भांड नहीं फोड़ सकता।

या

बूँद बूँद से ही घड़ा भरता है


हम सब आदर्शवादी और अच्छे कार्य करने की बातें करते रहते है। जैसे बिजली बचाना, सड़क पर कचरा न फेंकना, शादी समारोह अथवा अन्य
आयोजनों या अपने घर में भोजन को वैस्ट न करना, ट्रेफिक नियमों का पालन करना, किसी जरूरतमंद की मदद करना और बहुत कुछ। लेकिन हम में से ज्यादात्तर लोग ऐसी बातों का पालन नहीं करते। ऐसा क्यों होता है कि हम पढ़े लिखे लोग ही इन छोटी छोटी बातों का पालन नहीं करते?


सबसे ज्यादा खाना हम पढ़े लिखे लोग ही वैस्ट करते है जबकि दूसरी और भारत में रोजाना, लाखों लोग भूखे सोते है। हम पढ़े लिखे लोग ही बिजली का अपव्यय करते है जबकि भारत के हजारों गावों में अब भी बिजली नहीं है। ऐसे पढ़े लिखे लोग भी आसानी से मिल जायेंगे जिनके पास इतना भी टाइम नहीं कि वे सड़क पर पड़े हुए घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचा दे।



Pleas Like And Share This @ Your Facebook Wall We Need Your Support To Grown UP | For Supporting Just Do LIKE | SHARE | COMMENT ...






CATEGORIES



Print Friendly and PDF

Post a Comment

0 Comments