Ticker

10/recent/ticker-posts

Goswami Tulsidas Ki Surdas Ji Se Bhent Lyrics in Hindi - गोस्वामी तुलसीदास की सूरदास जी से भेंट ,सत्य कथा हिंदी लिरिक्स





Goswami Tulsidas Ki Surdas Ji Se Bhent








यह भी देखें - You May Also Like







Goswami Tulsidas Ki Surdas Ji Se Bhent Lyrics in Hindi - गोस्वामी तुलसीदास की सूरदास जी से भेंट ,सत्य कथा हिंदी लिरिक्स



री सूरदास जी से भगवान् का विनोद करना:

संवत् १६१६ मे जब श्री तुलसीदास जी कामदगिरि पर्वत के पास निवास कर रहे थे, तब श्रीगोकुलनाथ जी की प्रेरणा से श्रीसूरदास जी उनके पास आये। उन्होने अपना सूरसागर ग्रंथ दिखाया और दो पद गाकार सुनाये, तुलसीदास जी ने पुस्तक उठाकर हृदय से लगा ली और भगवान् श्री कृष्ण की बडी महिमा गायी।


सूरदास जी अनन्य कृष्ण भक्त थे और तुलसीदास जी अनन्य राम भक्त। दोनों अपने अपने प्रभु के गुणगान खूब करते थे। दोनों अपने-अपने प्रभु के एक से बढ़ कर एक पद सुना रहे थे।



भगवान के सभी नामो का एक सा माहात्म्य है परंतु कभी-कभी संत और भगवान के बीच में विनोद हो जाता है। दोनों संत अपने अपने प्रभु के नाम का महात्यम बताने लगे।


निश्चय करने के लिए एक तराजू लाया गया। तुलसीदास जी ने अपने प्रभु का स्मरण किया और विराजने के लिए विनती की और सूरदास जी ने अपने प्रभु का स्मरण किया और दूसरे पलड़े पर विराजमान होने को कहा। दोनों के इष्ट गुप्त रूप में विराजमान हो आए।


तुलसीदास जी वाला पलड़ा भारी हो गया। अब सूरदास श्री को बड़ा दुःख हुआ। वे कहने लगे कि बेकार में ही श्री कृष्ण के चक्कर में पड़ गए। इसने तो हमारी नाक कटवा दी अब तो हम इसका भजन नहीं करेंगे।



सूरदास जी ने पद गाना छोड़ दिया तो श्रीनाथ जी से रहा नहीं गया। प्रभु श्रीनाथ जी सूरदास जी के सामने आये और उन्हें मानाने लगे। सुरदास जी ने कहा कि आपके नाम का पलड़ा तो हल्का पड गया, मेरी नाक कट गयी।


अब अकेले श्री कृष्ण का वजन एक ओर और सीता-राम जी दोनों का वजन एक ओर। किशोरी जी जहाँ हो वहाँ का पलड़ा तो भारी होगा ही, मेरे अकेले का वजन तो युगल जोड़ी से कम ही होगा न।


भगवान् के सभी नाम एक समान ही है। सूरदास जी समझ गए कि यह तो केवल हास्य लीला है। दोनों संत गले मिले, सूरदास जी का हाथ पकड़कर गोस्वामी जी ने उन्हें संतुष्ट किया और श्री गोकुलनाथ जी को एक पत्र लिख दिया। सात दिन सत्संग करके सूरदास जी लौट गये।



Pleas Like And Share This @ Your Facebook Wall We Need Your Support To Grown UP | For Supporting Just Do LIKE | SHARE | COMMENT ...





CATEGORIES




Print Friendly and PDF

Post a Comment

0 Comments