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Na Dhan Dharti Na Dhan Chahata Hun Bhajan Lyrics in Hindi - न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ भजन हिंदी लिरिक्स





Na Dhan Dharti Na Dhan Chahata Hun







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देवी चित्रलेखा जी का नये साल का नया भजन - ना धाम धरती न धन चाहता हूँ !! New Krishna Bhajan 2021!!

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Na Dhan Dharti Na Dhan Chahata Hun Bhajan Lyrics in Hindi - न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ भजन हिंदी लिरिक्स


न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।

कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥



रहे नाम तेरा वो चाहूं मैं रसना ।

सुने यश तेरा वह श्रवण चाहता हूँ ॥



न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।

कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥



विमल ज्ञान धारा से मस्तिष्क उर्बर ।

व श्रद्धा से भरपूर मन चाहता हूँ ॥



न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।

कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥



करे दिव्य दर्शन तेरा जो निरन्तर ।

वही भाग्यशाली नयन चाहता हूँ ॥



न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।

कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥



नहीं चाहता है मुझे स्वर्ग छवि की ।

मैं केवल तुम्हें प्राण धन ! चाहता हूँ ॥



न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।

कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥



प्रकाश आत्मा में अलौकिक तेरा है ।

परम ज्योति प्रत्येक क्षण चाहता हूँ ॥



न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।

कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥



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