Ticker

10/recent/ticker-posts

Nukta-Cheen Hai Gham-E-Dil Song Lyrics in Hindi - नुक़्ता-चीं है ग़म-ए-दिल हिंदी लिरिक्स





Nukta-Cheen Hai Gham-E-Dil






★★★★★★★★★★★★★★★★★★


Movie/Album: ग़ैर-फ़िल्मी ग़ज़ल, मिर्ज़ा ग़ालिब (1954)

Music By: अज्ञात, ग़ुलाम मोहम्मद, खय्याम

Lyrics By: मिर्ज़ा ग़ालिब

Performed By: कुन्दनलाल सहगल, सुरैया, मोहम्मद रफ़ी



◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆










Download Song Now:


Download















LISTEN SONG ONLINE








यह भी देखें - You May Also Like












Nukta-Cheen Hai Gham-E-Dil Song Lyrics in Hindi - नुक़्ता-चीं है ग़म-ए-दिल हिंदी लिरिक्स



कुन्दनलाल सहगल

नुक़्ता-चीं है ग़म-ए-दिल, उसको सुनाये न बने

क्या बने बात जहाँ, बात बनाये न बने

क्या बने बात...



मैं बुलाता तो हूँ उसको, मगर ऐ जज़्बा-ए-दिल

उस पे बन जाये कुछ ऐसी कि बिन आये न बने

नुक़्ता-चीं है...



बोझ वो सर से गिरा, है कि उठाये न उठे

काम वो आन पड़ा है कि बनाये न बने

नुक़्ता-चीं है...



इश्क़ पर ज़ोर नहीं, है ये वो आतिश 'ग़ालिब'

कि लगाये न लगे और बुझाये न बने

नुक़्ता-चीं है...



सुरैया



नुक्ता-चीं है ग़म-ए-दिल, उसको सुनाये न बने

क्या बने बात जहाँ, बात बनाये न बने

नुक्ता-चीं है...



ग़ैर फिरता है लिये यूँ तेरे ख़त को के अगर

कोई पूछे के ये क्या है तो छुपाये न बने

नुक्ता-चीं है...



मैं बुलाता तो हूँ उसको मगर ऐ जज़्बा-ए-दिल

उसपे बन जाये कुछ ऐसी कि बिन आये न बने

नुक्ता-चीं है...



इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब

कि लगाये न लगे और बुझाये न बने

नुक्ता-चीं है...



मोहम्मद रफ़ी

नुक़्ता-चीं है ग़म-ए-दिल उसको सुनाये न बने

क्या बने बात जहाँ बात बनाये न बने



खेल समझा है, कहीं छोड़ न दे, भूल न जाए

काश, यूँ भी हो के बिन मेरे सताये न बने



बोझ वो सर से गिरा है कि उठाये न उठे

काम वो आन पड़ा है कि बनाये न बने



इश्क़ पर ज़ोर नहीं, है ये वो आतिश 'ग़ालिब'

कि लगाये न लगे और बुझाये न बने

नुक़्ता-चीं है...



CATEGORIES



Print Friendly and PDF

Post a Comment

0 Comments